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भारत सरकार
परमाणु उर्जा विभाग

क्रय एवं भण्डार निदेशालय

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क्रभनि परिचय
 

परमाणु ऊर्जा विभाग को 1956 के दौरान क्रय सम्बन्धी कार्यों के लिए आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय (डीजीएसएन्‍डडी) की सेवाओं का उपयोग करने से छूट दी गई थी। इस छूट को देने में, भारत सरकार ने विभाग द्वारा संचालित परियोजनाओं की अत्यधिक विशिष्ट प्रकृति और इन परियोजनाओं को, शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने की परम आवश्यकता को ध्यान में रखा था I

तत्कालीन परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान ट्रॉम्बे (जिसे बाद में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के रूप में नामकरण किया गया) के लिए एक पूर्णरूपेण क्रय एवं भंडार प्रभाग बनाने से पहले, कुछ समय के लिए, रसायन विज्ञान प्रभाग द्वारा और संक्षिप्त अवधि के लिए टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (टीआईएफआर) द्वारा संभाला गया था I  

सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग ने दिनांक 22 जून, 1972 को कार्यालय ज्ञापन संख्‍या 863/72 जारी करते हुए , आने वाले वर्षों में विभाग के लिए बड़े पैमाने पर अभिकल्पित कार्यक्रम की जरूरतों के लिए उपकरण और सामग्री के क्रय और संबद्ध जिम्मेदारियों के लिए, मुंबई में मुख्यालय सहित क्रय एवं भंडार निदेशालय का गठन किया I क्रय एवं भंडार निदेशालय ने 17 जनवरी, 1973 से काम करना शुरू कर दिया।  

निम्नलिखित सूची में उन वैज्ञानिकों / इंजीनियरों का विवरण है जिन्होंने निदेशक के रूप में क्रभनि का कार्यभार संभाला :

 1.   श्री आर पार्थसारथी           22/06/1972 से 30/11/1981 तक

 2.   श्री टी के घोष               01/12/1981 से 08/01/1986 तक

 3.   श्री के बालू                 08/01/1986 से 25/10/1995 तक

 4.   श्री एस बलरामन             25/10/1995 से 30/09/1997 तक

 5.   श्री एम जी खाडिलकर         06/12/1997 से 01/09/2001 तक

 6.   श्री एस डी मिश्रा                   01/09/2001 से 04/07/2005 तक

 7.   श्री एन डी शर्मा                   04/07/2005 से 04/02/2008 तक

 8.   श्री एच सी सोनी                   04/02/2008 से 31/12/2012 तक

 9.   श्री अनिल श्रीवास्तव          01/01/2013 से 31/03/2016 तक

10.   श्री गौतम पाल              01/04/2016 से  वर्तमान तक

निदेशक, क्रभनि को प्रभावी रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में, निम्‍नलिखित निकाय सहायता प्रदान करते हैं :

 1. क्रभनि परिषद् क्रभनि के सुचारू रूप से संचालन के लिए आवश्यक नीतियों का निर्माण और उनकी सिफारिश करना I

 2. भंडार क्रय समिति क्रभनि के लिए प्रापण प्रस्तावों की सिफारिश करना I  

         क्रय और भंडार निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग (पऊवि), भारत सरकार के अधीन केंद्रीयकृत एजेंसी है जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन कार्यरत कई अनुसंधान एवं विकास इकाइयों जैसे भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (भापअके), मुंबई; इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीकार),कल्‍पाक्‍कम; राजा रामन्‍ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (राराप्रप्रौके), इंदौर; परिवर्ती ऊर्जा साइक्‍लोट्रॉन केंद्र (वीईसीसी), कोलकाता एवं औद्योगिक स्‍थापनाओं जैसे, नाभिकीय ईंधन सम्मिश्र (नाईंस), हैदराबाद; विकिरण एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड (ब्रिट), नवी मुंबई तथा विभिन्‍न स्‍थानों पर अर्थात मणुगुरू, कोटा, तलचर, तूतीकोरिन और बडौदा में स्थित भारी पानी संयंत्रों के सामग्री प्रबंधन कार्यों के लिए उत्‍तरदायी है ।
         इस निदेशालय में 1000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं तथा इसका मुख्‍यालय मुंबई में है । इस निदेशालय के प्रमुख निदेशक, क्रय और भंडार हैं जो सभी नीतिगत मामलों के लिए और सभी प्रक्रियात्‍मक दिशा-निर्देश स्‍थापित करने तथा इनका कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करवाने के लिए जिम्‍मेदार हैं ।पऊवि की संघटक इकाइयॉं देश के विभिन्‍न भौगोलिक स्‍थानों पर स्थित होने के मद्देनज़र चेन्‍नै, हैदराबाद और इंदौर में क्षेत्रीय एकक स्‍थापित किए गए हैं जिनका नेतृत्‍व क्षेत्रीय निदेशक, क्रय और भंडार करते हैं और वे निदेशक, क्रय और भंडार को रिपोर्ट करते हैं ।
         प्रयोक्‍ता विभागों को विभिन्‍न प्रकार की भंडार सामग्री उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य की पूर्ति हेतु निदेशक, क्रय और भंडार की सहायता के लिए एक टीम है जिसमें संयुक्‍त निदेशक, उप निदेशक, क्रय अधिकारी, सहायक क्रय अधिकारी और अन्‍य स्‍टाफ सदस्‍य शामिल हैं जिन्‍हें निविदा संबंधी, ठेके संबंधी तथा अन्‍य संबद्ध क्रय कार्य सौंपे गए हैं ।क्रय गतिविधियों के पूरक रूप में भंडार इकाइयॉं हैं जो देश के विभिन्‍न भागों में स्थित प्रत्‍येक अनुसंधान एवं विकास केंद्र और औद्योगिक इकाई से जुड़ी हैं । इनका नेतृत्‍व भंडार अधिकारी/सहायक भंडार अधिकारी करते हैं एवं उनके अधीन कार्मिक हैं जो सामग्री प्राप्ति, लेखांकन, प्रयोक्‍ताओं को सामग्री जारी करने, भंडारण, भंडार सत्‍यापन इत्‍यादि जैसे भंडार प्रबंधन कार्यों के लिए उत्‍तरदायी हैं । सामान्‍यत: उपयोग में आने वाली मदों का प्रापण स्‍पर्धात्‍मक बोलियॉं आमंत्रित कर बड़ी मात्रा में किया जाता है एवं सामान्‍य स्‍टॉक मदों के रूप में उनका भंडारण किया जाता है ।
         इसके अलावा, भंडार एकक द्वारा सार्वजनिक निविदाएं जारी करके उन मदों का निपटान कार्य भी किया जाता है जो अतिरिक्‍त अप्रचलित या अप्रयोज्‍य हो जाती हैं ।कई मदों का फैब्रिकेशन विभाग में ही किए जाने के दौरान या ठेकेदार को कच्‍चा माल देकर उससे फैब्रिकेशन करवाए जाने के दौरान समय-समय पर उत्‍पन्‍न स्‍क्रैप सामग्री का भी निपटान भंडार स्‍कंध द्वारा विहित प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों के अनुसार नियमित रूप से किया जाता है।
         मुख्‍यालय स्थित क्रय और भंडार एककों को क्रमश: केंद्रीय क्रय एकक (केक्रए) और केंद्रीय भंडार एकक (केभंए) कहा जाता है ।इतने बड़े कार्य बल के प्रशासनिक प्रबंधन के लिए तथा की गई आपूर्ति के संबंध में विभिन्‍न विक्रेताओं को भुगतान करने हेतु मुख्‍यालय में स्‍वतंत्र रूप से प्रशासन और लेखा एकक हैं जिन्‍हें केंद्रीय प्रशासन एकक तथा केंद्रीय लेखा एकक कहा जाता है ।इसी प्रकार, क्षेत्रीय एककों में भी वित्‍त और स्‍वतंत्र रूप से भुगतान प्राधिकारी ऐसे स्‍थानों पर हैं जहॉं से आपूर्ति हेतु ठेके जारी किए जाते हैं ।
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